श्री महालक्ष्मी जी की शीघ्र कृपा पाने के लिए श्री सूक्त पाठ किया जाता है। यह बहुत लाभदायक है। श्री सूक्त पाठ करने से आरोग्य का वरदान मिलता है, दूर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है, घर में समृद्धि आती है, व्यापार में तरक्की के अवसर खुल जाते हैं.
श्री सूक्त पाठ और मन्त्रों के जप तथा हवन से जातक को सात जन्मों तक निर्धनता से बचा रहता है, ऋग्वेद में माता महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त पाठ के लाभ बताये गए है। एवं ऋग्वेद के अनुसार दिवाली की रात में 11 बजे से लेकर 1 बजे के बीच- 108 कमल के पुष्प या 108 कमल गट्टे के दाने को गाय के घी में डूबाकर बेलपत्र, पलाश एवं आम की समिधायों से प्रज्वलित यज्ञ में आहुति देने एवं श्रद्धापूर्वक लक्ष्मी जी का षोडषोपचार पूजन करने से जातक की समस्त मनोकामना निसंदेह पूर्ण होती है।