अपराजिता स्तोत्र वह स्तोत्र है जिसके पाठ को सिद्ध करने से साधक को कोई पराजित नहीं कर सकता। भगवान श्रीराम ने भी रावण पर विजय पाने के लिए युद्ध से पहले अपराजिता अनुष्ठान किया था।इस स्तोत्र का विधिवत पाठ करने से सब प्रकार के रोग तथा सब प्रकार के शत्रु और सब बन्ध्या दोष नष्ट होता है । विशेष रूप से मुकदमें में सफलता और राजकीय कार्यों में अपराजित रहने के लिये यह पाठ रामबाण है ।